Regional Rural Bank (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक कार्य उद्देशय लाभ ) :- नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से आज हम RRBs Capital and Progress , क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक क्या है, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कार्य, gramin bank ke bare me jaankaari, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का पुनर्पूंजीकरण,Gramin Bank ko kon handle karta hai,वर्तमान में ग्रामीण बेंको की कुल संख्या,सबसे पहला ग्रामीण बैंक कोनसा था,ग्रामीण बैंको में राज्य सरकार और केंद्र सरकार का हिंसा,Sabse pahla gramin Bank konsa tha के बारे में विस्तृत से जानेगे। अगर आप Regional Rural Banks (RRBs) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जानना चाहते है तो आप इस पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़े।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक संक्षिप्त विवरण
विभाग का नाम | क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक |
स्थापना | 2 अक्टूबर 1975 |
अधिनियम | 1976 |
समिति | नरसिम्हन समिति |
भारत में कुल ग्रामीण बैंक | 43 |
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक क्या है
ग्रामीण बैंकों की स्थापना ‘नरसिंहम समिति (1975)’ की सिफारिसों के आधार पर 26 सितंबर, 1975 को केंद्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश के तहत वर्ष 1975 में की गई थी। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के माध्यम से इस अध्यादेश को संवैधानिक मान्यता प्रदान कर दी गई थी।इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, व्यापार, वाणिज्य, उद्योग और अन्य उत्पादन गतिविधियों को आर्थिक तंत्र से जोड़कर उनका विकास करना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लघु और सीमांत कृषकों, कृषि श्रमिकों, कलाकारों और छोटे उद्यमियों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप सहयोग प्रदान करना था। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का संचालन भारत सरकार, राज्य सरकारों और प्रायोजक बैंकों के सहयोग से किया जाता है। इन बैंकों में भारत सरकार, प्रायोजक बैंकों और संबंधित राज्यों की हिस्सेदारी क्रमशः 50%, 35% और 15% होती है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विनियमन ‘राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक’ (NABARD) के द्वारा किया जाता है।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कार्य
- बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 में परिभाषित है कि सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक बैंकिंग के व्यवसाय को चलाने के लिए अधिकृत हैं।
- आरआरबी छोटे और सीमांत किसानों, कृषि मजदूरों, सहकारी समितियों और कारीगरों, छोटे उद्यमियों और छोटे साधनों वाले व्यक्तियों को ऋण प्रदान करते हैं।
- आरआरबी जनता से जमा स्वीकार करना, ऋण प्रदान करना, प्रेषण सेवाएं आदि जैसे सभी कार्य करते हैं।
- वे सरकारी प्रतिभूतियों, बैंकों की जमा योजनाओं और वित्तीय संस्थानों में भी निवेश कर सकते हैं।
- सभी आरआरबी डीआईसीजीसी योजना के अंतर्गत आते हैं और उन्हें आरबीआई के कैश रिजर्व रेश्यो और वैधानिक तरलता अनुपात के लिए आवश्यक शर्तों का पालन करना होता है।
सबसे पहला ग्रामीण बैंक
सबसे पहला ग्रामीण बैंक प्रथमा ग्रामीण बैंक था जिसकी पहली सखा मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश में पहली शाखा खोली गई। इस ग्रामीण बैंक का प्रायोजक बैंक (Sponsor Bank) सिंडिकेंट बैंक था। ग्रामीण बैंक में केंद्र सरकार का हिस्सा 50% राज्य सरकार का हिस्सा 15 % और प्रायोजक बैंक (Sponsor Bank) का हिस्सा 35% होता है।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संगठनात्मक संरचना
आरआरबी की संरचना एक आरआरबी से दूसरे आरआरबी में भिन्न होती है जो आरआरबी के आकार और प्रकृति पर निर्भर करती है। निम्नलिखित एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में अधिकारियों का पदानुक्रम है :-
- Board of Directors
- Chairman & Managing Director
- General Manager
- Assistant General Manager
- Regional Manager/Chief Manager
- Senior Manager
- Manager
- Officer
- Office Assistant
- Office Attendant
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का पुनर्पूंजीकरण
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की योजना को वित्तीय वर्ष 2010-11 में शुरू किया गया था।
- वित्तीय वर्ष 2010-11 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पुनर्पूंजीकरण ‘के.सी. चक्रवर्ती समिति’ के सुझावों के आधार पर किया गया।
- के.सी. चक्रवर्ती समिति ने 21 राज्यों के 40 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की योजना के तहत 2,200 करोड़ रुपए जारी करने का सुझाव दिया था।
Regional Rural Bank के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना ‘नरसिंहम समिति (1975)’ की सिफारिसों के आधार पर 26 सितंबर, 1975 को केंद्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश के तहत वर्ष 1975 में की गई थी।
- ‘क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976’ के माध्यम से इस अध्यादेश को संवैधानिक मान्यता प्रदान कर दी गई थी।
- इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, व्यापार, वाणिज्य, उद्योग और अन्य उत्पादन गतिविधियों को आर्थिक तंत्र से जोड़कर उनका विकास करना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लघु और सीमांत कृषकों, कृषि श्रमिकों, कलाकारों और छोटे उद्यमियों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप सहयोग प्रदान करना था।
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का संचालन भारत सरकार, राज्य सरकारों और प्रायोजक बैंकों के सहयोग से किया जाता है।
- इन बैंकों में भारत सरकार, प्रायोजक बैंकों और संबंधित राज्यों की हिस्सेदारी क्रमशः 50%, 35% और 15% होती है।
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विनियमन ‘राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक’ (NABARD) के द्वारा किया जाता है।
- सिक्किम और गोवा को छोड़कर भारत में अब सभी राज्यों में आरआरबी हैं।